गुरुवार, 7 जनवरी 2021

संगणक सहायक अधिगम के प्रकारों का परिचय एवम कार्य- प्रशांत खैरवार


संगणक सहायक अधिगम

कंप्यूटर आधारित अधिगम एक ऐसी अधिगम प्रक्रिया है। जिसमें छात्र शक्ति से स्व क्रियाओं के आधार पर इनपुट व आउटपुट उपकरणों की सहायता से अधिगम करता है।

इसके मुख्य 4 प्रकार होते हैं-

1. CBL- Computer Based learning (संगणक आधारित अधिगम)

2. CMI- Computer Managed Instruction (संगणक प्रबंधित अनुदेशन )

3. CAL- Computer Assisted/Aided learning (संगणक सहायक अधिगम)

4. CAI- Computer Assisted Instruction (संगणक सहायक अनुदेशन)


1. CBL- Computer Based learning (संगणक आधारित अधिगम)

कंप्यूटर आधारित पढ़ाई) प्रोग्राम की शुरुआत में स्टूडेंट का एक टेस्ट लेकर उनके लिए एक कस्टमाइज्ड प्लान तैयार हुआ। सिखाने के लिए विडियो  व ऑॅडिया स्लाइड जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों कैसे सीख रहे हैं और उनकी प्रगति कैसी है, यह बताने के लिए प्रिंसिपल और सरकारी अधिकारियों के लिए भी डैशबोर्ड तैयार किया गया है।

 संगणक आधारित अधिगम मुख्यत: सुनियोजित लाइब्रेरी के विकास की संरचना बनाने तथा बच्चो और शिक्षक के लिए यह अधिगम को सहयोगी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
आज के आधुनिक संगणक युग में पुस्तकालय को पूर्णतः ई-रिसोर्स , ई-पत्रिका , ई- बुक से जोड़ दिया गया हैं। छात्र मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इसका लाभ लेते है।

2. CMI- Computer Managed Instruction (संगणक प्रबंधित अनुदेशन

बर्क (1982): "सीएमआई कंप्यूटर द्वारा निर्देश का व्यवस्थित नियंत्रण है। यह परीक्षण, नैदानिक ​​शिक्षा, पर्चे और रिकॉर्ड रखने के माध्यम से विशेषता है ”
LEIB (1982): "CMI में अनुदेशक प्रबंधन में प्रशिक्षक को कंप्यूटर सहायता के सभी अनुप्रयोग शामिल हैं जो वास्तव में शिक्षण कर रहे हैं"

कंप्यूटर प्रौद्योगिकी की भाषा में, कंप्यूटर प्रबंधित अनुदेश को कंप्यूटर प्रोग्राम की एक श्रेणी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो शिक्षकों और प्रशिक्षकों द्वारा एक प्रभावी तरीके से निर्धारित अनुदेशात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अनुदेश से संबंधित डेटा को व्यवस्थित और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

१-निर्माण, स्कोरिंग, और परीक्षण का विश्लेषण।
२-पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र के प्रदर्शन और प्रगति का रिकॉर्ड रखना।
३-छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करना और अगले पाठ्यक्रम मॉड्यूल की पसंद पर उन्हें सलाह देना।
४-छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करना और अगले पाठ्यक्रम मॉड्यूल की पसंद पर उन्हें सलाह देना।
५-संस्थानों के छात्रों, ट्यूटर्स और शैक्षिक प्रशासकों को छात्रों के प्रदर्शन और प्रगति पर रिपोर्टिंग करना।

किसी विशेष अनुदेशात्मक पाठ्यक्रम की शिक्षा में आगे बढ़ने या अनुदेशात्मक उद्देश्यों का एक सेट प्राप्त करने के लिए उनकी क्षमता का निर्धारण करना।
1. शिक्षार्थियों के प्रवेश व्यवहार का निदान करना।
2. अनुदेशात्मक उद्देश्यों का चयन करना।
3. व्यक्तिगत अनुदेशात्मक योजनाएं बनाना।
4. शिक्षण सामग्री और सीखने के अनुभवों को बढ़ाना।
5. पाठ्येतर इकाइयों में अनुदेशात्मक सामग्री की उपलब्धता।
6. प्रगति की निगरानी करना।
7. उपचारात्मक निर्देश प्रदान करना।
8. सूचना और रिकॉर्ड रखने का प्रबंधन।
9. परीक्षण और मूल्यांकन प्रोग्रामर का आबंटन।
10. सभी प्रकार की रिपोर्टों का निर्माण करना।

3. CAL- Computer Assisted/Aided learning (संगणक सहायक अधिगम) Assisted/Aided learning (संगणक सहायक अधिगम)

कंप्यूटर एडेड लर्निंग एक स्व-वर्णनात्मक शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है कंप्यूटर के साथ में सीखना हैं। जिसका अर्थ यह है कि परिभाषा काफी बदली हुई है।  कंप्यूटर एडेड लर्निंग का मतलब है डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटर की बातचीत के अलावा मोबाइल फोन , वर्चुअल रियलिटी और संवर्धित वास्तविकता को सीखना  है ।  कंप्यूटर एडेड लर्निंग और ई - लर्निंग के बीच कोई अंतर है,  आज की प पृष्टभूमि सभी गायब हो गए हैं और ई-लर्निंग, कंप्यूटर के  सामान्यतः उपयोग किए जाने वाले ओवर-अरचिंग  नए शब्द   का निर्माण हो गया है। 

तो  एक कंप्यूटर एडेड लर्निंग सिस्टम जैसा दिखने वाला पहला यंत्र संज्ञानात्मक मनोवैज्ञानिक, सिडनी एल, प्रेसे ब्रुकलिन, यूएसए में खोजा गया  है। इस तथ्य के अलावा कि यह 1920 के दशक में दिखाई पड़ने लगा  और इसलिए एलन ट्यूरिंग के नाजी-बस्टिंग  1 Gen. कंप्यूटर से पहले का है, उनके टाइपराइटर मशीन में एक विंडो थी जिसमें प्रश्न पत्र और बहुविकल्पीय  प्रश्न बटन थे जो उत्तर को  दर्ज करते थे और प्रदर्शित प्रश्नों को उन्नत व उत्पन  करते थे। इसलिए कम्प्यूटेशनल  प्रोग्राम से अधिक यांत्रिक होने के बावजूद, यह अभी भी मोबाइल सीखने के सबसे उन्नत रूपों से मिल रहा है जो हम आज अपने फोन पर करते  रहते हैं।

IndiaCALL: द इंडिया एसोसिएशन ऑफ कंप्यूटर असिस्टेड लैंग्वेज लर्निंग। IndiaCALL AsiaCALL, के एक सहयोगी का एक सहभागी है IATEFL , और एक IALLT क्षेत्रीय समूह।

4. CAI- Computer Assisted Instruction (संगणक सहायक अनुदेशन)

कम्प्यूटर या कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से प्रस्तुत अनुदेशात्मक सामग्री का कार्यक्रम हैं।

इसका उपयोग प्राथमिक विद्यालय तथा विश्वविद्यालय स्तर और यहां तक कि कुछ पूर्वी स्कूली कार्यक्रमों में व्यापक हो गया। मेरे साथ में कंप्यूटर मूल रूप से दो में से एक में उपयोग किए जाते हैं। या तो वे एक डाटा के रूप में एक  प्रस्तुति प्रदान करते हैं, या वे एक पूर्ण टुटोरिअल के रूप में  छात्रों के परीक्षण किया जाता है।

यदि कंप्यूटर एक ट्यूटोरियल प्रोग्राम है, तो छात्र से कंप्यूटर एक प्रश्न पूछा जाता है; छात्र एक उत्तर में उसे टाइप करता है और फिर उत्तर की तत्काल प्रतिक्रिया प्राप्त करता है। यदि उत्तर सही हो तो छात्र को और अधिक चुनौतीपूर्ण समस्याओं के लिए भेजा जाता है; और यदि गलत हो तो विविन कंप्यूटर संदेश प्रक्रिया में दोसा संकेत देते। और जब तक छात्र उस क्षेत्र में सही उत्तर ना दे पाता है तब तक उसका मार्गदर्शन किया जाता है और अधिक जटिल प्रश्नों के साथ मानसिक क्षमताओं को बढ़ाया जाता है।

अंत में कंप्यूटर द्वारा व्यक्तिगत एवं गोपनीयता का ध्यान रखते हुए छात्रों को सार्वजनिक रूप से समस्याओं का हल वा उनके सहपाठियों की तुलना में पाठ का ज्ञान प्रदान किया जाता है।

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

कक्षा मे कम्प्युटर सहायक अधिगम के लाभ और सीमाएं- दिलीप उइके

  •  कक्षा मे कम्प्युटर सहायक अधिगम के लाभ :

1. कम्प्युटर से मानव जीवन मे महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है सब जगह बैंक , दप्तर ,कॉलेज आदी मे कम्प्युटर से काम किया जाता है ऐसे समय में जिस व्यक्ती को कंप्यूटर का ज्ञान नही है उसे परेशानी हो सकती है इसलिये कक्षा मे कम्प्युटर सहाय्यक अधिगम का उपयोग करके विद्यार्थी उनका इस्तेमाल करना सीख जायेंगे और बडे होकर इनका आसानी से उपयोग कर सकेंगे.


2. उनका उपयोग करके विद्यार्थीयो के लिये तीव्र गती से , परीशुद्धता के साथ काम करना संभव हो जायेगा उनके लिए पढाई करना आसान हो जायेगा कंप्यूटर उनको जल्दी विद्या ग्रहण करणे और कार्यकुशल बनने मे सहायता प्रधान करेगा 


3 छोटी उम्र मे सिखणा आसान होता है बचपन मे ही कम्प्युटर सहाय्यक अधिगम का प्रयोग करणे से अधिक सक्षम बनेंगे उन्हे बचपन से तकनीकी चीजो को इस्तेमाल करने का अभ्यास हो जायेगा बडे होकर इस्मे निपून हो जायेंगे.


  •  कंप्यूटर सहाय्यक अधिगम की सिमाये :


1 लेकिन छोटी उम्र के कम्प्युटर सहाय्यक अधिगम का उपयोग करने वाले बच्चे इतनी क्रियाशील और फुर्तिले  नही होंगे.


2 वे बाहर जाकर अपने मित्र के साथ खेलने की जगह यंत्र के साथ अधिक समय बिथाना पसंद करेंगे जी से उनके स्वास्थ पर असर हो सकता है साथ ही वे मित्रता का सुख ताजी हवा के लाभ से वंचित रह जायेंगे.


3  संभव हैं की विद्यार्थी इन पर अधिक निर्भर हो जाये और उनके बिना वे कही भी काम कर सके.


सोमवार, 21 दिसंबर 2020

ऑनलाइन शिक्षण की चुनौतियां एवं संतुलित उपयोग- ऋषभ तिवारी


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्तमान में कोरोना संकट ने मानवीय जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित किया है। कुछ पक्ष कम प्रभावित हुए हैं एवं कुछ पक्ष ज्यादा परंतु प्रत्येक पक्ष पर इसका कुछ न कुछ प्रभाव हुआ है। शिक्षा जगत पर इसका सीधा एवं व्यापक असर देखा जा सकता है। 15 मार्च से ही देश के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद हैं। शिक्षण कार्यों को ऑनलाइन माध्यम से संचालित किया जा रहा है। सरकार ने भी इस ओर ध्यान देते हुए पहले से मौजूद ऑनलाइन शिक्षा के प्लेटफ़ॉर्म जैसे स्वयं, ईपीजी पाठशाला, डिजिटल लाइब्रेरी, दीक्षा आदि को उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। सभी शिक्षण संस्थाओं ने कोरोना को एक अवसर के रूप में देखते हुए भी इसे अपना लिया।

लेकिन एक मूल प्रश्न यह है कि क्या ऑनलाइन कक्षा में सबकुछ ठीक चल रहा है! ई-शिक्षा के बढ़ते प्रारूप ने इसकी संरचना ही बदल दी जिसमे वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल लर्निंग और वर्चुअल क्लासरूम शामिल हैं। ई-शिक्षा को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है - सिन्क्रोनस एवं असिन्क्रोनस। भारत में ई-शिक्षा अभी अपने प्रारंभिक अवस्था में है। अब वो कौन कौन सी चुनैतियाँ हैं जिससे शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों प्रभावित हैं। क्या स्कूली शिक्षा से जुड़े कुल 33 करोड़ विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ पा रहे हैं? शिक्षा जगत ने इस समस्या को दूर करने के लिए कई प्रयास किये हैं परंतु वह पर्याप्त नहीं है। अभी भी बहुत सारी सामान्य या मूल तकनीकी चुनैतियाँ हमारे समक्ष खड़ी है जैसे लिंक का फेल होना, इंटरनेट की स्पीड़, कनेक्टिविटी की समस्या, इंटरनेट पैक के चार्ज को सभी वर्ग द्वारा वहन न कर पाना आदि। प्रोड्योगिकी को लोकतंत्रिक ढांचें में तैयार करना अब एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसमें विभिन्न तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता एवं वितरण उचित रूप से हो सके।


पाठ्यक्रम की असमानता भी एक बड़ी चुनौती है जो ऑनलाइन शिक्षा में बाधा बन रही है। अधिकांश संस्थाएं समय सारणी के उसी स्वरूप को अपना रही हैं जिसे ऑफलाइन कक्षा के लिए तैयार किया गया था। परंतु ऑनलाइन कक्षा में ऑफलाइन सारणी को क्रियान्वित करना शारीरिक एवं मानसिक रूप से शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के लिए चुनौती ही है। 

विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गृहकार्य या परियोजना को देखे तो ऑनलाइन कक्षा के अलावा उस गृहकार्य को करने के लिए भी विद्यार्थी इंटरनेट या मोबाइल पर अपना समय व्यतीत करता है। इस हिसाब से प्रतिदिन कंप्यूटर या मोबाइल उपयोग करने की औसतन समय में अवांछित वृद्धि हो जा रही है। यह शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से एक प्रतिकूल प्रयोग है। सोशल मीडिया पर साझा करते हुए अभिभावकों ने ये कहा कि उनके बच्चों की दृष्टि शक्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा तकनीक के ज़्यादा उपयोग से अवसाद या अकेलापन जैसी समस्याएं भी पैदा हो रही है। 

परंतु सवाल अभी भी वहीं खड़ा है कि क्या ऑनलाइन शिक्षा एक प्रभावी प्रणाली हो सकती है जो शिक्षक-शिक्षार्थी के आमने-सामने पढ़ाई का विकल्प बन सके? हाल ही में जारी UGC निर्देशों ने भी पेन-कॉपी वाले एग्जाम की वकालत की है। हम सारांश, स्टैन स्कूल, ई- बस्ता, विध्यांजली, स्वयं, स्वयंप्रभा, आदि कार्यक्रमों के माध्यम से डिजिटल भारत के निर्माण के लिए तत्पर हैं। स्किल इंडिया, कैंपस कनेक्ट, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, ब्लेंडेड लर्निंग, आदि के माध्यम से भारतीय शिक्षा डिजिटल शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। शिक्षा में मानवीय संवेदना संप्रेषित किये बिना शिक्षा निर्धारित उद्देश्य से भटक सकती है। इस दृष्टि में जरूरी यह है कि हम शिक्षा में तकनीकी का संतुलित प्रयोग करते हुए मानवीय तकनीकी जैसे शिक्षण कौशल, संचार कौशल, शोध कौशल तथा प्रबंध आदि जैसे कौशलों का उपयोग करें।

बुधवार, 16 दिसंबर 2020

संगणक सहायक अधिगम : अभिप्राय, शिक्षा में प्रयोग एवं विशेषताएं ---मुकेश कुमार


अधिगम का अर्थ है-
सीखना। मनुष्य जन्म से जीवनपर्यंत सीखता है। संसार में व्याप्त अनेकानेक वस्तुओं, प्रकृति आदि से वह अपने अधिगम का विकास करता है। मनुष्य ने अब तक बहुत ही प्रगति की है वह इस सीखने की प्रक्रिया में बहुत-सी साधन-सामग्री उपयोग करता है।

स्रोत- गूगल
आज संगणक का युग है। आज मनुष्य की अधिगम की गति भी तेज हुई है, उसके पास कई ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जिससे उसके अधिगम का विकास हुआ है। और उसी अधिगम विकास के कारण वह ऐसे संसाधन का निर्माण भी कर पाया है जिसका उपयोग करके वह अपनी अधिगम क्षमता का विकास कर रहा है, और उसी का परिणाम है संगणक। 

संगणक का अविष्कार मनुष्य द्वारा किया गया सर्वोत्तम आविष्कार है। और मनुष्य की प्रगति का संकेत है संगणक। और इस उपकरण ने मनुष्य की अधिगम की क्षमता को गतिशीलता प्रदान की है। आज विभिन्न कार्य -क्षेत्रों में संगणक का प्रयोग किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में संगणक का प्रयोग बहुत ही सरलता और उसकी उपयोगिता को देखते हुए किया जा रहा है। आज का युग संगणक का युग है जिससे सारा संसार प्रभावित है।

संगणक सहायक अधिगम से अभिप्राय:-
संगणक सहायक अधिगम एक ऐसी प्रणाली है जिसमें शिक्षार्थी/ विद्यार्थी संगणक का प्रयोग करके अंतःक्रिया करता है। और इस अंतःक्रिया से वह ज्ञान/सूचना प्राप्त करता है। यह ई-लर्निंग का हिस्सा है जो व्यक्तिगत शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावित करता है। यह कम समय में अधिक से अधिक सूचनाओं को शिक्षार्थी/विद्यार्थी को उपलब्ध कराता है।

शिक्षा में संगणक:-
संगणक का प्रभाव और प्रयोग व्यापार जगत के साथ शिक्षा प्रणाली में भी तेजी से दिखाई देता है। आज शिक्षा प्रणाली में संगणक का प्रयोग बहुत तेजी से हो रहा है जिसमें शिक्षार्थियों को अपनी गति के अनुसार सीखने का अवसर भी मिलता है। इस तकनीकी का उपयोग दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है और शिक्षा के विभिन्न परिप्रेक्ष्य में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक किया जा रहा है। इसका प्रारंभ सर्वप्रथम मध्य अमेरिका में 1950-1960 में माना जाता है।

शिक्षण क्षेत्र में संगणक सहायक अधिगम के उपयोग की विशेषता:-

1. यह शिक्षक पूरक है। इसमें शिक्षक की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति दोनों परिस्थिति में शिक्षार्थी अधिगम करता है।

2. इसमें शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, क्योंकि इसमें सूचनाएं दृश्य, श्रव्य तथा लिखित सामग्री के रूप में प्राप्त होती हैं। जिनका उपयोग शिक्षार्थी अपने गति से करता है।

3. इसमें शिक्षार्थी को स्वयं सीखने का अवसर मिलता है जिससे वह स्वयं को प्रदर्शित करने में से सहायता प्राप्त होती है।

4. इस अधिगम प्रक्रिया में किसी भी जानकारी को पुनः देखने सुनने का अवसर होता है जैसे किसी श्रव्य सामग्री मो रिकॉर्ड करके रख लिया जाता है, दृश्य सामग्री को रिकॉर्ड करके तथा लिखित सामग्री को भी रेकॉर्ड/ सेव करके रखा जाता है।

5. किसी भी संप्रत्यय को समझने में समझने में संगणक अधिक सहायता करता है जिसमें उस संप्रत्यय को ऑडियो या वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत करके समझा जा सकता है।

6. इसमें सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है जिससे सूचनाओं को एकत्रित भी किया जाता है।

शिक्षा के क्षेत्र में संगणक का अनुप्रयोग एवं महत्व --- कमलेश महतो

शिक्षा के क्षेत्र में संगणक का निम्नलिखित अनुप्रयोग एवं महत्व है-

शिक्षकों की कमी  को भरपाई करता है।

कम्प्यूटर के माध्यम से शिक्षण सामग्री या पाठ्यवस्तु को एक बड़े समूह तक पहुंचाने का काम करता है।

छात्रों के वर्गीकरण में सहायक।(उनकी योग्यता,रुचि,तथा उपलब्धि के आधार पर)


विद्यालय कार्यालय प्रशासन तथा शैक्षिक संस्थानों में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग:-

विद्यालय का बजट तैयार करना

समय सारणी बनाने में सहायक।

शिक्षार्थियों के उपस्थिति(attendance),नामांकन,छात्रवृति,शुल्क ,फंडों,अनुदानों,तथा अभिलेखों के अनुरक्षण ।

शिक्षक अपने पाठ्य योजना को भी संगणक की सहायता से आसानी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।

शिक्षण तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के विवरण एवम वेतन सूचियों को तैयार करना।

विद्यालय का बजट तैयार करने में ।


पुस्तकालयों में संगणक का प्रयोग:-

पुस्तकों का विवरण ,उनकी सूची तैयार करने में संगणक सहायक है।

पुस्तकों को उनके लेखकों के नाम के मुताविक अल्फाबेटिक क्रम में सजाना।

पुस्तकों का देय और प्राप्ति(due and)का रिकॉर्ड रखना।

शुल्क का रिकॉर्ड रखना।

पुस्तकों तथा जर्नलों के खरीद विक्री का विवरण रखना।


आकलन तथा मूल्यांकन में संगणक का प्रयोग:-

विद्यार्थियों के प्रगति आलेखों को तैयार करने में तथा उसका अनुरक्षण करने में।

विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यार्थी के अधिगम संबंधी प्रतिपुष्टि देने में ।

शिक्षकों द्वारा प्रश्न बैंक,एक्टिविटी बैंक तैयार करने में सहायक ।

आंकड़ों का विश्लेषण करने मे।


अनुसंधान के क्षेत्र में संगणक का प्रयोग:-

आंकड़ों के संकलन, संग्रहण तथा संरक्षण में सहायक।

आंकड़ों के विश्लेषण के पश्चात किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में सहायक।

आंकड़ों की बड़ी और जटिल श्रृंखलाओं के लिए परिणामों का अभिकलन करना। 

इसके अतिरिक्त शिक्षा के निम्नलिखित क्षेत्रोँ में भी संगणक का अनुप्रयोग किया जाता है-

टूटोरियल कक्षाओं तथा शिक्षार्थियों से बातचीत में सहायक है।

शिक्षार्थियों को इमिडीएट फीडबैक देने में सहायक है।

प्रयोगशाला तथा प्रयोग कार्यों में ।

व्यक्तिगत अनुदेशन में सहायक।

निर्देशन एवम परामर्श के क्षेत्र में परामर्शदाता तथा सेवार्थी के बीच संपर्क स्थापित करने तथा समस्या के समाधान में सहायक है।

समस्या समाधान तथा सृजनात्मकता में सहायक।


निष्कर्ष:-

उपर्युक्त विवरणों के आधार पर यह कहा  जा सकता है कि संगणक का प्रयोग शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल ,सहज तथा प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।साथ ही वर्तमान समय में शिक्षकों तथा शिक्षार्थियों के बीच संगणक एक लोकप्रिय व अत्यावश्यक उपकरण के रूप में उभरा है।ऐसे परिस्थिति में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम शिक्षक संगणक के विभिन्न प्रयोगों को जानें समझे तथा इसके विवेकपूर्ण प्रयोग खुद करें और शिक्षार्थियों को भी प्रयोग के लिए प्रेरित करे।


Links-

1.The length of this video is 12 minutes and 49 seconds.

12:49

Computer Assisted Instruction (CAI)

YouTube app · Education with Fatima Muhammad Qassim

Mar 23, 2019

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

संगणक सहायक अधिगम : लाभ और हानि,- आशीष कुमार

 भूमिका :-

आज के वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो संगणक सहायक अधिगम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। खासकर विश्व जब कोरोना जैसी भीषण महामारी से गुजर रहा है। ऐसी परिस्थिति में पूरे विश्व स्तर पर स्कूल,कॉलेज,विश्वविद्यालय,उच्च शिक्षण संस्थान आदि में कक्षा कक्ष अधिगम,प्रायोगिक कार्य एवं शोध भौतिक रूप से बंद पड़े हैं। ऐसे समय में जहां पर देश में सभी चीजें बंद पड़ी है वहां पर बिना किसी रुकावट के शैक्षिक सत्र सुचारू रूप से चल रही है,और शिक्षार्थी ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अधिगम कर रहे हैं, तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका संगणक आधारित अधिगम की है। उदाहरण के तौर पर समझने का प्रयास करेंगे। जैसे - गूगल मीट के माध्यम से हम ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से अधिगम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गूगल क्लासरूम व एडमोडो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिक्षार्थी अपना असाइनमेंट आदि जमा कर रहे हैं। व्हाट्स ऐप व जीमेल के माध्यम से शिक्षार्थी एवं शिक्षकों के बीच जरूरी मुद्दों व विषय पर सूचनाएं प्राप्त हो जाती है।

उपरोक्त बातों से हमने संगणक सहायक अधिगम की भूमिका को संक्षिप्त में समझने का प्रयास किया अब हम इसके लाभ एवं हानियों पर चर्चा करने का प्रयास करेंगे :-

*संगणक सहायक अधिगम के लाभ-

1. शिक्षार्थी अपनी सुविधानुसार घर,कार्यालय,पार्क आदि जगहों पर इंटरनेट की उपस्थिति में अधिगम कर सकते हैं।

2. संगोष्ठी एवं कार्यशालाओं से जुड़कर घर बैठे ही सीख सकते है।इसके लिए किसी विशेष स्थान पर गए बगैर ऑनलाइन माध्यम से जुड़ कर लाभान्वित हो सकते हैं।

3. धन व समय की बचत कर सकते है।

4. सम्पूर्ण विश्व की सूचनाएं व ज्ञान का संग्रह हम इंटरनेट की सहायता से क्षण भर में प्राप्त कर सकते है।

5. दूर शिक्षा व ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण इलाकों तक शिक्षा की पहुंच बनने का सपना साकार     हुआ।

6. पाठ्यक्रम के अतिरिक्त किसी भी विषय पर अलग अलग बुद्धिजीवियों द्वारा एक ही विषय पर कई शिक्षण सामग्रियां ऑनलाइन मिल जाती है।

7. ऑनलाइन कक्षा व ऑनलाइन असाइनमेंट जमा करने कि सुविधा प्राप्त हो जाती है।

8. स्वयं जैसे ऑनलाइन लेर्निंग एप के माध्यम से शिक्षण,परीक्षा व असाइनमेंट जमा ऑनलाइन करके ऑनलाइन डिग्री भी प्राप्त कर सकते है।

9. नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी व हिंदी समय डॉट कॉम जैसे ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे अच्छी अच्छी व महत्वपूर्ण पुस्तकों का अध्ययन कर सकते है।


* संगणक सहायक अधिगम की हानि-

1. भौतिक रूप से संचालित कक्षाओं का आनंद व शिक्षकों की शाबाशी से वंचित रह जाते है।

2. इस प्रकार का अधिगम स्वास्थ्य की दृष्टि से हितकर नहीं होता है खासकर बच्चों के लिहाज से तो इस प्रकार के अधिगम के सर्वाधिक प्रयोग से बचना चाहिए।

3. इस अधिगम का ज्यादा प्रयोग आंखों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक सिद्ध होता है।

4. भौतिक रूप से अगर देखें तो एक कम्युनिकेशन व सोशल गैप भी बनता चला जाता है जो मानवहित की दृष्टि से सही नहीं है।

5. शिक्षार्थी किताबों को भौतिक रूप से पढ़ने व लाईब्रेरी जाकर पढ़ने में कम रुचि ले रहे है जो एक चिंता का विषय है।

6. शिक्षार्थी सॉफ्टवेयर व कैलकुलेटर के माध्यम से गणितीय गणना करके अपने स्वयं के गणितीय क्षमता को प्रभावित करते हैं।

शैक्षिक क्षेत्र में संगणक का अनुप्रयोग एवं महत्व:-

 शैक्षिक क्षेत्र में कम्प्यूटर के आगमन से एक नई क्रांति आ गई है। कम्प्यूटर या संगणक के प्रयोग  से शिक्षकों ,शिक्षार्थियों तथा अभिभावकों को महत्वपूर्ण लाभ हुआ है।चाहें शैक्षिक सामग्रियों को एक जगह से दूसरे जगह सम्प्रेषण करने की बात हो,शैक्षिक सामग्रियों को संरक्षित करने की बात हो या जटिल से जटिल संप्रत्ययों को समझने की बात हो,संगणक ने इन प्रक्रियाओं को सरल ,सहज एवं बोधगम्य बनाया है।संगणक के माध्यम से शिक्षार्थी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी बन पाते हैं तथा अपने रुचियों क्षमताओं और स्वागति के अनुसार सिख पाते हैं, इस तरह से शिक्षण अधिगम प्रक्रिया रोचक एवम अन्तःक्रियात्मक बन पाता है।

शिक्षकों को मोटी-मोटी पंजिकाएँ (रजिस्टर्स) रखने पड़ते थे, शिक्षार्थियों के उपस्थिति,छात्रवृति तथा अन्य रिकॉर्ड को भी पंजिकाओं में ही करते थे जो बहुत बोझिल और उबाऊ होता था जिसका असर शिक्षण में पड़ता था। संगणक के आगमन से यह काम बहुत आसान हो गया है शिक्षक का श्रम तथा समय दोनों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। 

संगणक सहायक अधिगम के प्रकारों का परिचय एवम कार्य- प्रशांत खैरवार

संगणक सहायक अधिगम कंप्यूटर आधारित अधिगम एक ऐसी अधिगम प्रक्रिया है। जिसमें छात्र शक्ति से स्व क्रियाओं के आधार पर इनपुट व आउटपुट उपकरणों की स...

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संगणक सहायक अधिगम by Mukesh Prem is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.