अधिगम का अर्थ है- सीखना। मनुष्य जन्म से जीवनपर्यंत सीखता है। संसार में व्याप्त अनेकानेक वस्तुओं, प्रकृति आदि से वह अपने अधिगम का विकास करता है। मनुष्य ने अब तक बहुत ही प्रगति की है वह इस सीखने की प्रक्रिया में बहुत-सी साधन-सामग्री उपयोग करता है।
स्रोत- गूगल
आज संगणक का युग है। आज मनुष्य की अधिगम की गति भी तेज हुई है, उसके पास कई ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जिससे उसके अधिगम का विकास हुआ है। और उसी अधिगम विकास के कारण वह ऐसे संसाधन का निर्माण भी कर पाया है जिसका उपयोग करके वह अपनी अधिगम क्षमता का विकास कर रहा है, और उसी का परिणाम है संगणक।
संगणक का अविष्कार मनुष्य द्वारा किया गया सर्वोत्तम आविष्कार है। और मनुष्य की प्रगति का संकेत है संगणक। और इस उपकरण ने मनुष्य की अधिगम की क्षमता को गतिशीलता प्रदान की है। आज विभिन्न कार्य -क्षेत्रों में संगणक का प्रयोग किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में संगणक का प्रयोग बहुत ही सरलता और उसकी उपयोगिता को देखते हुए किया जा रहा है। आज का युग संगणक का युग है जिससे सारा संसार प्रभावित है।
संगणक सहायक अधिगम से अभिप्राय:-
संगणक सहायक अधिगम एक ऐसी प्रणाली है जिसमें शिक्षार्थी/ विद्यार्थी संगणक का प्रयोग करके अंतःक्रिया करता है। और इस अंतःक्रिया से वह ज्ञान/सूचना प्राप्त करता है। यह ई-लर्निंग का हिस्सा है जो व्यक्तिगत शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावित करता है। यह कम समय में अधिक से अधिक सूचनाओं को शिक्षार्थी/विद्यार्थी को उपलब्ध कराता है।
शिक्षा में संगणक:-
संगणक का प्रभाव और प्रयोग व्यापार जगत के साथ शिक्षा प्रणाली में भी तेजी से दिखाई देता है। आज शिक्षा प्रणाली में संगणक का प्रयोग बहुत तेजी से हो रहा है जिसमें शिक्षार्थियों को अपनी गति के अनुसार सीखने का अवसर भी मिलता है। इस तकनीकी का उपयोग दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है और शिक्षा के विभिन्न परिप्रेक्ष्य में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक किया जा रहा है। इसका प्रारंभ सर्वप्रथम मध्य अमेरिका में 1950-1960 में माना जाता है।
शिक्षण क्षेत्र में संगणक सहायक अधिगम के उपयोग की विशेषता:-
1. यह शिक्षक पूरक है। इसमें शिक्षक की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति दोनों परिस्थिति में शिक्षार्थी अधिगम करता है।
2. इसमें शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, क्योंकि इसमें सूचनाएं दृश्य, श्रव्य तथा लिखित सामग्री के रूप में प्राप्त होती हैं। जिनका उपयोग शिक्षार्थी अपने गति से करता है।
3. इसमें शिक्षार्थी को स्वयं सीखने का अवसर मिलता है जिससे वह स्वयं को प्रदर्शित करने में से सहायता प्राप्त होती है।
4. इस अधिगम प्रक्रिया में किसी भी जानकारी को पुनः देखने सुनने का अवसर होता है जैसे किसी श्रव्य सामग्री मो रिकॉर्ड करके रख लिया जाता है, दृश्य सामग्री को रिकॉर्ड करके तथा लिखित सामग्री को भी रेकॉर्ड/ सेव करके रखा जाता है।
5. किसी भी संप्रत्यय को समझने में समझने में संगणक अधिक सहायता करता है जिसमें उस संप्रत्यय को ऑडियो या वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत करके समझा जा सकता है।
6. इसमें सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है जिससे सूचनाओं को एकत्रित भी किया जाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में संगणक का निम्नलिखित अनुप्रयोग एवं महत्व है-
•शिक्षकों की कमी को भरपाई करता है।
•कम्प्यूटर के माध्यम से शिक्षण सामग्री या पाठ्यवस्तु को एक बड़े समूह तक पहुंचाने का काम करता है।
•छात्रों के वर्गीकरण में सहायक।(उनकी योग्यता,रुचि,तथा उपलब्धि के आधार पर)
विद्यालय कार्यालय प्रशासन तथा शैक्षिक संस्थानों में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग:-
•विद्यालय का बजट तैयार करना
•समय सारणी बनाने में सहायक।
•शिक्षार्थियों के उपस्थिति(attendance),नामांकन,छात्रवृति,शुल्क ,फंडों,अनुदानों,तथा अभिलेखों के अनुरक्षण ।
•शिक्षक अपने पाठ्य योजना को भी संगणक की सहायता से आसानी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।
•शिक्षण तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के विवरण एवम वेतन सूचियों को तैयार करना।
•विद्यालय का बजट तैयार करने में ।
पुस्तकालयों में संगणक का प्रयोग:-
•पुस्तकों का विवरण ,उनकी सूची तैयार करने में संगणक सहायक है।
•पुस्तकों को उनके लेखकों के नाम के मुताविक अल्फाबेटिक क्रम में सजाना।
•पुस्तकों का देय और प्राप्ति(due and)का रिकॉर्ड रखना।
•शुल्क का रिकॉर्ड रखना।
•पुस्तकों तथा जर्नलों के खरीद विक्री का विवरण रखना।
आकलन तथा मूल्यांकन में संगणक का प्रयोग:-
•विद्यार्थियों के प्रगति आलेखों को तैयार करने में तथा उसका अनुरक्षण करने में।
•विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यार्थी के अधिगम संबंधी प्रतिपुष्टि देने में ।
•शिक्षकों द्वारा प्रश्न बैंक,एक्टिविटी बैंक तैयार करने में सहायक ।
•आंकड़ों का विश्लेषण करने मे।
अनुसंधान के क्षेत्र में संगणक का प्रयोग:-
•आंकड़ों के संकलन, संग्रहण तथा संरक्षण में सहायक।
•आंकड़ों के विश्लेषण के पश्चात किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में सहायक।
•आंकड़ों की बड़ी और जटिल श्रृंखलाओं के लिए परिणामों का अभिकलन करना।
इसके अतिरिक्त शिक्षा के निम्नलिखित क्षेत्रोँ में भी संगणक का अनुप्रयोग किया जाता है-
•टूटोरियल कक्षाओं तथा शिक्षार्थियों से बातचीत में सहायक है।
•शिक्षार्थियों को इमिडीएट फीडबैक देने में सहायक है।
•प्रयोगशाला तथा प्रयोग कार्यों में ।
•व्यक्तिगत अनुदेशन में सहायक।
•निर्देशन एवम परामर्श के क्षेत्र में परामर्शदाता तथा सेवार्थी के बीच संपर्क स्थापित करने तथा समस्या के समाधान में सहायक है।
•समस्या समाधान तथा सृजनात्मकता में सहायक।
निष्कर्ष:-
उपर्युक्त विवरणों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि संगणक का प्रयोग शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल ,सहज तथा प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।साथ ही वर्तमान समय में शिक्षकों तथा शिक्षार्थियों के बीच संगणक एक लोकप्रिय व अत्यावश्यक उपकरण के रूप में उभरा है।ऐसे परिस्थिति में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम शिक्षक संगणक के विभिन्न प्रयोगों को जानें समझे तथा इसके विवेकपूर्ण प्रयोग खुद करें और शिक्षार्थियों को भी प्रयोग के लिए प्रेरित करे।
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